अन्तर्वासना के सभी पढ़ने वालो को मेरा नमस्कार।
मेरा नाम विवेक है और मैं पंजाब के जालन्धर का रहने वाला हूँ। मेरी उमर 25 वर्ष है और लम्बाई 5 फ़ुट 5 इन्च है और भार 60 किलो है।
मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा चाहवान हूँ। अन्तरवासना में आई हर कहानी मैंने पढ़ी है। मैं आप सब लोगो का शुक्रिया का करना चाहता हूँ कि आप सबने अपने हसीन पल हम सबके साथ बांटे। आप लोगो की तरह ही मैं भी अपने कुछ पल आप के साथ बाँटना चाहता हूँ।
दोस्तो, यह मेरी जिंदगी की सच्ची घटना है। साथ ही यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।अपनी कहानी पेश करने से पहले मैं आप सब लोगो को "पटोला" शब्द का मतलब बताना चाह्ता हूँ। पटोला शब्द पंजाबी भाषा में बहुत सुंदर लड़की को कहते हैं। चालू भाषा में हम ऐसी लड़कियों को 'टोटा' या 'माल' या 'कट्टो' भी कहते हैं। अब ज्यादा समय ना लेते हुए मैं अपनी कहानी पेश करता हूँ।
दोस्तो, यह बात दो-तीन साल पहले की है जब मैं पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। मैं शुरू से ही सेक्स का भूखा रहा हूँ। जब भी किसी सुंदर लडकी को देखता था तो दिल करता था कि अभी इसे पकड़ कर चोद डालूँ। हमेशा से मैं किसी लड़की की तलाश में रहता था जो मेरे साथ सेक्स करने को तैयार हो जाए। मगर मुझे कभी ऐसी लड़की नहीं मिली थी। ना स्कूल में और ना कालेज में और मैं सेक्स के लिये बस तड़पता रहता था।
मगर एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली।
हमारी यूनिवर्सिटी में हर छात्र के लिये इन्टरनेट की मुफ़्त सुविधा है जिसकी वजह से हर कोई इसका भरपूर फायदा लेता है। कोई गाने डाउनलोड करता था तो कोई फिल्में, कोई चैट करता था। मैं भी उन्हीं में से एक था। मगर मैं चैट इसलिए करता था कि शायद ऐसी कोई लड़की मिल जाये जो जिसे सेक्स करने का शौक हो और हम दोनों की जरूरत एक सी हो।
मगर कई कोशिशों के बाद भी मुझे ऐसी कोई लड़की नहीं मिली। और अब मैं चैट कर कर के बोर हो चुका था और अब तक मैंने चैट करना लगभग बंद कर दिया था। एक दिन मैं अपने कमरे में लेटा हुआ था कि तभी मुझे एक ख्याल आया। मैंने सोचा कि क्यूँ ना सीधे इन्टरनेट पर सीधे खोज की जाये, शायद बात बन जाये।
और ऐसा सोचकर मैंने कई सारी डेटिंग वेबसाइटों पर अकाउंट बना कर खोज करना शुरू कर दिया। मैं ज्यादातर डेटिंग वेबसाइटों पर पंजाबी लड़कियाँ ही ढूंढता था और मैंने कई लड़कियों और महिलाओं को ईमेल भी भेजी मगर किसी का कोई जवाब नहीं आया।
एक बार ऐसे ही सर्च करते हुए मुझे पटियाला की एक लड़की का अकाउंट मिला जिसमें उसने अपना इमेल पता दे रखा था। मैंने तुरंत उस इमेल पर मेल भेजी और उसके जवाब का इंतज़ार करने लग पड़ा।
अगले दिन उसका जवाब आया जिसमें उसने लिखा था कि वो मेरी मित्र बनना चाहती है। और फिर उसने मुझसे मेरे बारे में काफी कुछ पूछा। मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया कि जैसे मैं क्या करता हूँ, कहाँ का रहने वाला हूँ और उसे मैंने अपनी एक फोटो भी भेज दी।
अगले दिन उसका जवाब आया जिसमें उसने अपना नाम सिमरन बताया, साथ ही उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर भी दिया और उसे फोन करने को कहा।
मैंने रात दस बजे उसे फोन किया।
और दोस्तो, जैसे ही मैंने उसकी आवाज़ सुनी तो मज़ा आ गया। इतनी मीठी आवाज़ थी उसकी !
साथ मैं आपको यह भी बता दूँ कि वो दिखने में भी बहुत सुन्दर थी। खैर हम दोनों ने आपस में पंद्रह-बीस मिनट बात की। उसने बताया कि वह पटियाला के किसी सरकारी ऑफिस में नौकरी करती थी। उसकी उम्र उनतीस साल थी और वो एक तलाकशुदा थी।अगले दिन उसने मुझे फोन किया और अगले रविवार को मिलने के लिए कहा।
मैं मान गया और बेसब्री से रविवार का इन्तज़ार करने लगा। शनिवार को उसने मुझे फोन करके मिलने की जगह बताई जो एक रेस्तराँ था और अगले दिन मिलने के लिए ग्यारह बजे का समय दिया।
मैं अगले दिन दस बज कर तीस मिनट के लगभग उसके बताए रेस्तरां में पहुँच गया और इन्तज़ार करने लगा। लगभग ग्यारह बजे मेरे मोबाइल पर उसकी कॉल आई और उसने मुझसे पूछा कि मैं कहाँ हूँ और कहाँ बैठा हूँ।
मैंने उसे बताया। तभी मेरा ध्यान खिड़की के शीशे से बाहर गया और मैंने एक सिल्वर रंग की इंडिका कार रूकती देखी। एक मिनट बाद उसमें से एक बहुत ही सुंदर महिला निकली जिसने हल्के लाल रंग का पटियाला सूट पहना था। उसके बाल उसकी कमर के नीचे तक पहुँच रहे थे और उसने वो खुले छोड़े हुए थे। उसका बदन की आकृति भी बहुत मस्त थी लगभग 36-26-34 का होगा। उसके मम्मे बहुत ही प्यारे लग रहे थी।
मुझे लगा यह वही है ! फोटो में वो इतनी सुंदर नहीं लगती थी जितनी सुंदर सामने से लग रही थी।
अंदर आते ही वो मेरी तरफ आई और मुस्कुरा कर मुझसे पूछा- एक्सक्यूज़ मी ! क्या आप ही सूरज हैं?
मैंने कहा- हाँ मैं ही हूँ !
मेरा जवाब सुनकर वो पुनः मुस्कुरा दी और हाथ मिलाने के लिए मेरी तरफ बढ़ा दिया। मैंने भी उससे हाथ मिलाया। वो सच में बहुत सुंदर लड़की थी। आप सुब जानते ही होंगे की भारत में सुबसे सुंदर लड़कियाँ पंजाब की होती हैं और पटियाला, अमृतसर की लड़कियों के तो क्या कहने।
अगर आपको मेरी बात पर यकीन न हो तो खुद पंजाब आकर देख लें।
खैर, अब आगे की कहानी पेश करता हूँ।
हाथ मिलाने के बाद वो मेरे बिल्कुल सामने की कुर्सी पर बैठ गई, हमने कॉफी आर्डर की और हमने बातें शुरू कर दी। बातों बातों में उसने मुझे बताया कि उसकी एक साल पहले ही शादी हुई थी और उसका पति इंग्लैंड में काम करता था। उसकी शादी उसके माता-पिता ने की थी और शादी के चार दिन बाद ही उसके पति को वापिस जाना पड़ गया था। मगर शादी के कुछ दिन बाद पता चला कि उसके पति ने इंग्लैंड में एक और शादी की हुई है। जब यह बात यहाँ पता चली तो उसने और उसके घर वालों ने तलाक लेने फैसला किया और शादी के एक साल बाद उसने अपने पति से तलाक ले लिया।
और तब से वो अपने घर में अकेले रहती है। उसके माँ बाप अपने पुराने घर में रहते थे जो शहर से दूर एक गाँव में था और उनकी काफ़ी खेतीबाड़ी है। वो शहर में नौकरी करती थी इसलिए वो यहाँ रहती थी और नौकरी सिर्फ अपने समय बिताने के लिए करती थी। महीने में एक बार अपने माँ बाप के पास जाती थी, ऐसा उसने मुझे बताया।
हमने वहाँ लंच किया और फिर उस दिन की मुलकात खत्म करके वापिस आ गए।
अगला पूरा हफ्ता हम फोन पर रोज बात करते रहे और बातों-बातों में उसने मुझे बता दिया कि उसे सेक्स की कितनी भूख है और उसके लिए कितना तड़प रही है...
उसने एक दिन मुझे बताया कि वो अपने ऑफिस से चार दिन की छुट्टी ले रही है, दो दिन वो अपने माँ बाप से मिलने जा रही है और दो दिन वो मेरे साथ अपने घर में बिताना चाहती है।
मैं तैयार हो गया और मुझे लगा कि अब मेरी सेक्स की भूख शांत होने वाली ही है।
वो बुधवार को छुट्टी लेकर अपने माँ बाप से मिलने चली गई और शुक्रवार शाम को उसने मुझे कॉल की- मैं वापिस आ गई हूँ और मैं शाम को आपको लेने आऊँगी।
मैंने हाँ कर दी।
दोस्तो, आपको मैं बता दूँ कि यूनिवर्सिटी में शनिवार को छुट्टी होती थी।
खैर शाम को करीब सात बजे उसने मुझे फोन किया- मैं यूनिवर्सिटी के बाहर आ गई हूँ और आपका इन्तजार कर रही हूँ।
मैं भी जल्दी से तैयार होकर यूनिवर्सिटी के बाहर पहुँचा। पिछले दिन मैंने उसके लिए चॉकलेट का गिफ्ट पैक खरीद लिया था और साथ में कन्डोम के दो पैकेट भी।
बाहर आकर मैं उसकी कार की तरफ गया और दरवाज़ा खोलकर अंदर सीट पर बैठ गया, उससे हाथ मिलाया, उसका हालचाल पूछा और उसे गिफ्ट दिया जिससे वो बहुत खुश हुई।
अब हम उसके घर की तरफ चल पड़े। करीब तीस मिनट के बाद हम उसे घर पहुँच गए। उसने मुझे कहा कि मैं जल्दी से घर खोलती हूँ, आप जल्दी से घर में चले जाना ताकि कोई आपको देख न ले। मैं उसकी बात समझ गया और वैसा ही किया जैसे उसने बताया था।
वो अपनी कार गैराज में पार्क करने चली गई और पांच मिनट बाद वो भी अंदर आ गई। अंदर आते ही वो मुझसे लिपट गई और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मैं भी उसे चूमने लगा, उसके होंठ चूसने लगा और वो भी पूरी तरह से चुम्बन में मगन रही।
करीब दस मिनट तक हम चुम्बन करते रहे और फिर अलग हो गए। उसके बाद वो कॉफ़ी बनाने रसोई में चली गई और मैं उसका घर देखने लगा पड़ा। पाँच दस मिनट तक वो कॉफ़ी बनाकर ले आई आर साथ में नूडल्स भी।
हमने साथ बैठ कर काफी पी, नूडल्स खाए और फिर बातें करने लग पड़े। थोड़ी देर बाद उसने बाहर से खाना आर्डर कर दिया और वो मेरे साथ आकर बैठ गई।
उसने टीवी चला लिया, चैनल बदलते बदलते जैसे ही उसने स्टार मूवीज़ चैनल लगाया, तो उसमे देखा कि हीरो और हिरोइन एक दूसरे को चूम रहे थे और सेक्स कर रहे थे।
उसने यह सब देखा और फिर मेरी तरफ ! और मुझसे कहा- सूरज, मैं बहुत प्यासी हूँ। प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो। बहुत तड़प रहीं हूँ।
मैंने उसे गले लगा लिया और कहा- मैं भी कब से प्यासा बैठा हुआ हूँ, तुम चिंता मत करो।
उसने मुझे यह भी बताया कि शादी के बाद उसके साथ केवल मुखमैथुन ही किया था और दो दिन बाद उसके पति को वापिस जाना पड़ गया था। इसका मतलब था की वो अभी तक बिलकुल नया माल थी और चुदी नहीं थी।
यह सुनते ही मैं बहुत खुश हो गया और भगवान को शुक्रिया करने लगा कि देर से ही सही, मगर जब दिया तो एकदम रापचिक माल दिया।
एक तो वो वैसे ही बहुत सुंदर थी और दूसरी तरफ अभी तक बिल्कुल कुंवारी थी, मैंने ही उसकी सील तोड़नी थी। मैं बहुत खुश हो गया।
इतनी में दरवाज़े पर किसी ने घण्टी बजाई, सिमरन ने देखा कि रेस्टोरेंट से लड़का खाना आया था।
हमने साथ बैठ कर खाना खाया और फिर वो मुझे लेकर बेडरूम में आ गई, मुझे कहा- आप थोड़ी देर बैठो, मैं ज़रा आती हूँ।
इतना कहकर वो चली गई और मैं वही बिस्तर पर लेट गया।
दस-पंद्रह मिनट बाद जब वो वापिस आई तो मैं उसे बस देखता रह गया। वो गुलाबी रंग की पारदर्शी नाईटी में मेरे सामने खड़ी थी जिसमें से उसके काले रंग की ब्रा और पैंटी बिल्कुल साफ़ नज़र आ रही थी। उसके मम्मे उसकी ब्रा फाड़ कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। उसके शरीर दूध से भी ज्यादा गोरा था और उस पर कोई बाल नहीं था और गुलाबी रंग की नाईटी में वो बहुत मदहोश कर देने वाला लग रहा था।
उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। वो मेरे सामने आई और अपने बाल सुखाने लग पड़ी शीशे के सामने खड़े होकर। मगर दोस्तों मुझसे सब्र नहीं रहा और मैं जल्दी से बिस्तर से कूद कर उसके पीछे पहुँच गया और उसे पीछे से पकड़ कर गर्दन पर चुम्बन करने लग पड़ा, मेरे हाथ उसके मम्मे सहलाने लग पड़े।
उसने थोड़ी सी आह उह ! की।
उसके बाद वो मेरी तरफ मुड़ी, अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बहुत ही उत्तेजना से चूमने लग पड़ी। मेरे हाथ अब उसके मम्मों पर थे और उन्हें दबा रहे थे।
उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया था और वो उसे सहला रही थी।
हम ऐसे ही चुम्बन करते करते बिस्तर पर आ गए और वही करते रहे। वो मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उसके ! और बीच बीच में एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ भी डाल रहे थे।
करीब पन्द्रह बीस मिनट के बाद अलग हुए। अलग होकर वो मुझसे लिपट गई दोबारा और कहने लगी- आज मेरी प्यास जरूर बुझा देना। बहुत प्यासी हूँ मैं ! सोचा था कि शादी के बाद प्यास बुझ जायेगी मगर वो भी ना हुआ। आज तुम इसकी प्यास जरूर बुझा देना। तुम जो मांगोगे, मैं तुम्हें दूंगी।
ऐसा कह कर वो और जोर से मुझसे लिपट गई और मेरी गर्दन और सीने पर चुम्बन करने लग पड़ी मगर उसका हाथ अब भी मेरे हथियार को सहला रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरा लंड पतलून फाड़ कर बाहर आ जायेगा।
अब मैंने उसे खुद से अलग किया और उसकी ब्रा उतार दी। ब्रा उतरते ही दो नर्म-नर्म गोरे-गोरे संतरे मेरे सामने आ गए।
दोस्तो मैं तो बस देखता ही रह गया। क्या मम्मे थे उसके !
मैंने एकएम से उसके दोनों संतरे पकड़ लिए और जोर जोर से मसलने लगा और वो धीरे आह आह करने लगी।
तभी मुझे एक विचार आया और मैंने उसे पूछा- क्या घर में शहद है?
वो शहद लाई तो मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी पैंटी भी उतार दी।
दोस्तो, पैंटी उतरते ही जो नजारा मेरे सामने आया मैं उसका बता नहीं सकता। उसकी फुद्दी पर कोई भी बाल नहीं था, उसकी फुद्दी भी बहुत गोरी थी। मुझे ही पता है कि मैंने कैसे खुद पर काबू रखा।
तब वो बिस्तर पर लेट गई और मैं शहद उसकी पूरे शरीर पर लगाने लगा और मालिश करने लग पड़ा। इससे उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था। जब कभी मेरा हाथ उसकी फुद्दी पर छू जाता, वो सिसक जाती थी।
थोड़ी देर मालिश करने के बाद मैं उसको दोबारा चूमने लग पड़ा, मेरे हाथ उसके मम्मे दबा रहे थे जिससे उसे मज़ा आ रहा था और वो और जोर से दबाने को कहने लगी थी। चुम्बन करते करते मैं उसके मम्मों तक पहुँचा और उसके एक मम्मे को चूसने लग पड़ा, हाथ से उसका दूसरा मम्मा दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी फुद्दी सहलाने लगा।
उसने भी अब अपना हाथ मेरी पैंट में डाल दिया था और अंदर ही अंदर लंड को दबा रही थी। बारी बारी से मैंने उसके दोनों मम्मे चूसे। शहद की वजह से मीठा मीठा स्वाद आ रहा था जिससे मुझे बहुत मज़ा आया।
चूसते चूसते मैं बीच बीच में उसे ह्ल्के से काट लेता था जिससे वो हल्की से सिसकारी भर उठती थी। अब मैं उसे चूमता हुआ और जीभ घुमाता हुआ उसके पेट तक पहुँचा और जीभ घुमाने लगा जिससे उसे गुदगुदी हो रही थी। लेकिन जैसे ही मैं उसकी फुद्दी की तरफ जाने लगा तो उसने मुझे रोक दिया और एकदम मेरी पतलून उतार दी, मेरा लंड अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और जल्दी से मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और साथ में चमड़ी को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।
मैं बता नहीं सकता कि कितना मज़ा आ रहा था, मगर वो बहुत तेज तेज चूस रही थी और मेरा पहली बार होने की वजह से मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था तो मैंने उसे धीरे चूसने को कहा और वो मान गई।
करीब दस मिनट की चुसाई के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ और मैंने उसे बताया।
मगर वो थी कि लंड छोड़ने को तैयार ही नहीं थी, बस चूसे जा रही थी। फिर एकदम मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा माल निगल गई और चूस चूस कर मेरा लंड साफ़ कर दिया।
लंड चुसाई के वक्त मैं उसके मम्मों से खेल रहा था। अब मैंने उसे फिर से लेटा दिया और खुद उसकी टांगों के बीच में पहुँच गया और चूमने लगा और चूमता हुआ उसकी फुद्दी तक पहुँच गया।
जैसे कि मैंने बताया कि उसकी फुद्दी और आसपास कोई बाल नहीं थे और उसकी फुद्दी बहुत ही गोरी थी। दिल कर रहा था कि अभी खा जाऊँ।
मैंने उसकी टांगें फैला दी और उसकी फुद्दी पर पहुँच गया। उसकी फुद्दी की बहुत ही मादकता भरी खुशबू थी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी फुद्दी की दोनों फ़ांकों को अलग किया जिससे मुझे उसका छेद और लाल रंग का दाना दिख गया और अब मैंने बिना समय खोए अपनी जीभ उसकी फुद्दी में डाल दी और चाटना शुरू कर दिया।
मेरे ऐसे करते ही वो मचल उठी और सी...... सी... उऊम उऊम की आवाजें निकलने लग पड़ी।
मैं एक हाथ से उसकी फुदी का दाना भी रगड़ रहा था, वो मेरे सिर के बालों में हाथ फेर रही थी और बीच बीच में कह रही थी- और जोर से करो, आःह्ह अआह ! प्लीज़ और जोर से ! छोड़ना मत... और जोर से करो !
और मेरा सिर दबाए जा रही थी, अपनी कमर उठा रही थी...
थोड़ी देर ऐसे चाटने के बाद मैं रुका और अब मैंने अपनी ऊँगली में थूक लगा कर उसकी फ़ुद्दी में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा और जीभ से उसके दाने की जोर जोर से चाटने लगा।मेरे ऐसा करते ही वो जैसे पागल ही हो गई और और जोर से अआआह्हह्हहह्ह, आह्हाआआअह्ह्ह्ह। आआआह्ह्ह्ह्ह्ह...। करने लग पड़ी और उसकी आवाज़ कांपने लगी।
करीब पाँच मिनट ऐसा करने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी फुद्दी ने बहुत तेज़ी से पानी छोड़ दिया। मैं अभी भी उसकी फुद्दी चाट रहा था। जैसा कि मैंने बताया कि मैंने उसके पूरे शरीर पर शहद से मालिश की थी, उसकी फुद्दी का रस और शहद आपस में मिलकर एक अजीब सा स्वाद पैदा कर रहे थे मगर मैं भी सारा का सारा मीठा रस चाट गया।
अब मैं और वो एक दूसरे की बाहों में लेट गए और वो मुझे बहुत जोर से अपने गले लगा कर चूमने लग पड़ी।
दोस्तों इस पूरे काम में हमें करीब दो घंटे लग गए थे और यह सब करने के बाद हम वैसे ही लेटे रहे और पता नहीं कब हमारी आँख लग गई।
जब हमारी आँख लगी तब रात के लगभग बारह बज रहे थे। रात को जब मेरी आँख खुली तो मैंने महसूस किया कि सिमरन मेरा लंड फिर से चूस रही थी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था, बिल्कुल तन गया था।
सिमरन पागलों की तरह उसे चूसे जा रही थी और एक हाथ से अपनी फुदी रगड़ रही थी। थोड़ी देर चूस कर वो बोली- अब रहा नहीं जाता ! प्लीज़ अब मेरी प्यास बुझा दो। अब नहीं रहा जाता, प्लीईइज़।
मैंने भी कहा- ठीक है !
तब उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी टाँगें फैला दी। मैंने उसकी फुद्दी की फांकों को अलग करके देखा तो उसकी फुद्दी पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने अपना लंड उसकी फुद्दी के छेद पर टिका दिया और दबाव डालने लगा। मैंने अब पहला झटका दिया तो मेरा लण्ड फिसल गया। उसकी फुद्दी सच में बहुत तंग थी, बिल्कुल कुंवारी चूत थी उसकी। मैं मन में बहुत खुश था कि पहली बार में बिल्कुल कुंवारी फुदी का मज़ा चखने को मिला है।
मैंने फिर से अपना लंड उसके छेद पर टिकाया और फिर से झटका दिया। इस बार सुपारा अंदर चला गया और सिमरन दर्द के मारे चीख पड़ी। मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और और एक और झटका दिया। फुद्दी बहुत ही कसी होने से इस बार लंड आधा ही उसकी फुदी में गया और मैंने देखा कि सिमरन की आंखों में आंसू आ चुके थे।
मैंने जैसे ही उसके मुँह हाथ हटाया तो वो बुरी तरह चीखी और कहने लगी- प्लीज़ निकालो इसे बाहर। मैं मर जाउंगी। बहुत दर्द हो रहा है। प्ल्ज्ज़ निकालो इसे बाहर......प्लीज़।
वो अभी इतना कह ही रही थी कि मैंने उसे होठों पर अपने होंठ कस दिए और तीसरा झटका दिया और लण्ड उसकी फुद्दी की गहराइयों में पूरी तरह से उतर गया।
अब उसकी आंखें बुरी तरह से खुल गई और वो मुझे हटाने लगी। पर मेरे होंठ उसके होठों पर कसे हुए थे और मैंने उसे पकड़ा हुआ था। मेरा लंड उसकी फ़ुद्दी में ही था और वो अपने मुँह से बुरी तरह हून्हुहूँ ... म्म्म्म्म्म आआआआ कर रही थी और रो रही थी।
करीब दो मिनट बाद मैंने अपनी पकड़ ढीली की तो वो बोली- प्लीज़ निकाल लो बाहर।
मैंने अब उसकी बात मान ली और उसके ऊपर से हट गया।
जैसे ही मैं हटा, मैंने देखा कि उसकी फुद्दी से बहुत खून निकल रहा था और बेडशीट पूरी लाल हो चुकी थी। उसकी झिल्ली फट चुकी थी और अब वो कुँवारी नहीं रही थी। मैंने उसका कुंवारापन खत्म कर दिया था और मैं इस बात पर बहुत फख्र महसूस कर रहा था। उसे अभी भी दर्द हो रहा था। मैंने उसे कहा कि बाकी सब कल करेंगे मगर उसने कल की बजाए तभी करने को ही कहा।
उसे थोड़ा दर्द हो रहा था मगर फिर भी वो काम पूरा करना चाहती थी।
पहली बार करने की वजह से लंड की चमड़ी छिल गई थी और मुझे भी दर्द हो रहा था और मैं हैरान था कि लड़कियों को चुदाई का कितना शौक होता है कि इतने दर्द के बाद भी तैयार हो गई है चुदवाने के लिए।
मैं भी अब तैयार था। उसने मेरा लंड दोबारा चाट कर खड़ा किया और उस पर कन्डोम चढ़ा दिया। मैंने उसकी टाँगें दोबारा फैला दी, लंड उसकी फुद्दी के छेद पर रख दिया और दबाव डालने लगा।
इस बार लंड आराम से उसकी फुद्दी में चला गया और सिमरन को भी ज्यादा तकलीफ नहीं हुई।
जैसे जैसे लंड अंदर जाता था वो आह्ह्ह्ह्ह.. स्स्सीईई की हल्के से आवाज़ निकाल रही थी और धीरे-धीरे मेरा लंड उसकी फुद्दी में पूरी तरह उतर चुका था। अब मैंने धीरे धीरे उसे झटके देना शुरू किये। और वो अपने मुँह से उम्म्म आःह्ह स्सीईई उम्म्माम्म्मुम्म्म की आवाजें निकाल रही थी। धीरे मैं अपने झटके मारने की रफ़्तार बढ़ा दी।अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी कमर हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी और बोले जा रही थी- और जोर से करो... फाड़ दो... निकल दो पूरी गर्मी मेरी चूत की। बहुत तड़पाती है ये...।
और पता नही न क्या क्या बोली जा रही थी।
मैं उसकी हर बात अनसुना करके बस उसे झटके पर झटके दिए जा रहा था। करीब पन्द्रह मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने और जोर से मेरे इर्दगिर्द टांगें कस ली और मुझे पता चल गया कि वो झड़ने वाली है।
मैंने अपनी झटके मारने की रफ़्तार और बढ़ा दी और जोर जोर से झटके मारने लगा। करीब एक मिनट में उसने जोर से चीख मारी और वो झड़ गई। मगर मैं अभी तक नहीं झड़ा था तो मैंने झटके मारने जारी रखे और सारा बेडरूम हमारी चुदाई की आवाज़ से गूँज रहा था... पच्च्च्च्च् च्च्च्च्छ् च्च्छ्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्च्च्छ्ह पच पच की आवाजें गूंज रही थी।
करीब 5-6 मिनट के बाद मैं भी उसकी फुद्दी में झड़ गया। मैंने उसे चूमा किया और उससे अलग हो गया।
मैंने लंड पर से कन्डोम उतार दिया और उसने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चाट कर पूरी तरह से साफ़ कर दिया। तब वो और मैं आपस में लिपट के सो गए।
सुबह करीब दस बजे मेरी आँख खुली।
यह थी मेरी कहानी कि किस तरह मैंने पटियाला के कुँवारे पटोले को चोद कर उसकी और अपनी प्यास शांत की। मैं उसके साथ दो दिन रहा और उसने दो दिन में करीब दस या बारह बार चुदाई के मजे लिए।
रविवार की शाम को मुझे यूनिवर्सिटी वापिस आना था। चुदाई की वजह से उससे चला नहीं जा रहा था मगर वो फिर भी मुझे यूनिवर्सिटी तक छोड़ने आई और साथ में उसने मुझे दो गिफ्ट पैकेट भी दिए।
मैं उसे मना करता रहा मगर उसने कहा कि तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया और उसके लिए मैं खुशी से तुम्हें कुछ दे रही हूँ। और आगे जब भी मुझे जरूरत होगी, मैं तुम्हें बुला लूंगी। तुम मुझे भूलना मत।
ऐसा कहकर वो वापिस चली गई और मैं भी अपने हॉस्टल आ गया।
जब मैंने गिफ्ट खोला तो उसमें से नोकिया एन-73 निकला और जब मैंने दूसरा पैक खोला तो उसमें 3 हजार निकले।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और क्यूंकि भगवान ने तो छप्पड़ फाड़ कर दिया था। पटियाला का सुंदर पटोला, उसकी कुंवारी चूत और ये तोहफ़े।दोस्तो मैं एक साल पटियाला रहा और हर महीने दो बार वो मुझसे जरूर चुदवाती थी। उसने मुझे अपनी और सहेलियों के नंबर भी दिए। उनको भी मैंने खुल के चोदा। लेकिन मैं इस लड़की और उसकी पहली चुदाई को नहीं भूला।
फिर मैं पटियाला से वापिस अपने गाँव आ गया मगर उसके फोन मुझे आते रहे।
एक दो बार मैं जालंधर से भी मिलने गया और एक दिन उसने बताया कि उसके घर वालों ने उसका दोबारा रिश्ता किया है और इस बार वो लड़का उनकी रिश्तेदारों में से है जो ऑस्ट्रेलिया में है।
उसके बाद मैं एक बार फिर उससे मिला और उसकी खूब चुदाई की। इस बार आते समय उसने मुझे फिर एक तोहफ़ा दिया जिसमें दस हजार रूपये थे। उसके अगले महीने उसकी शादी हो गई और वो ऑस्ट्रेलिया चली गई। वो आज भी मुझे मेल करती है। तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली कहानी। मुझे मेल जरूर करें और बताएं कि मेरी सच्ची कहानी कैसे लगी...।
juicelicker7920@rediffmail.com
मेरा नाम विवेक है और मैं पंजाब के जालन्धर का रहने वाला हूँ। मेरी उमर 25 वर्ष है और लम्बाई 5 फ़ुट 5 इन्च है और भार 60 किलो है।
मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा चाहवान हूँ। अन्तरवासना में आई हर कहानी मैंने पढ़ी है। मैं आप सब लोगो का शुक्रिया का करना चाहता हूँ कि आप सबने अपने हसीन पल हम सबके साथ बांटे। आप लोगो की तरह ही मैं भी अपने कुछ पल आप के साथ बाँटना चाहता हूँ।
दोस्तो, यह मेरी जिंदगी की सच्ची घटना है। साथ ही यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली कहानी है।अपनी कहानी पेश करने से पहले मैं आप सब लोगो को "पटोला" शब्द का मतलब बताना चाह्ता हूँ। पटोला शब्द पंजाबी भाषा में बहुत सुंदर लड़की को कहते हैं। चालू भाषा में हम ऐसी लड़कियों को 'टोटा' या 'माल' या 'कट्टो' भी कहते हैं। अब ज्यादा समय ना लेते हुए मैं अपनी कहानी पेश करता हूँ।
दोस्तो, यह बात दो-तीन साल पहले की है जब मैं पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। मैं शुरू से ही सेक्स का भूखा रहा हूँ। जब भी किसी सुंदर लडकी को देखता था तो दिल करता था कि अभी इसे पकड़ कर चोद डालूँ। हमेशा से मैं किसी लड़की की तलाश में रहता था जो मेरे साथ सेक्स करने को तैयार हो जाए। मगर मुझे कभी ऐसी लड़की नहीं मिली थी। ना स्कूल में और ना कालेज में और मैं सेक्स के लिये बस तड़पता रहता था।
मगर एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली।
हमारी यूनिवर्सिटी में हर छात्र के लिये इन्टरनेट की मुफ़्त सुविधा है जिसकी वजह से हर कोई इसका भरपूर फायदा लेता है। कोई गाने डाउनलोड करता था तो कोई फिल्में, कोई चैट करता था। मैं भी उन्हीं में से एक था। मगर मैं चैट इसलिए करता था कि शायद ऐसी कोई लड़की मिल जाये जो जिसे सेक्स करने का शौक हो और हम दोनों की जरूरत एक सी हो।
मगर कई कोशिशों के बाद भी मुझे ऐसी कोई लड़की नहीं मिली। और अब मैं चैट कर कर के बोर हो चुका था और अब तक मैंने चैट करना लगभग बंद कर दिया था। एक दिन मैं अपने कमरे में लेटा हुआ था कि तभी मुझे एक ख्याल आया। मैंने सोचा कि क्यूँ ना सीधे इन्टरनेट पर सीधे खोज की जाये, शायद बात बन जाये।
और ऐसा सोचकर मैंने कई सारी डेटिंग वेबसाइटों पर अकाउंट बना कर खोज करना शुरू कर दिया। मैं ज्यादातर डेटिंग वेबसाइटों पर पंजाबी लड़कियाँ ही ढूंढता था और मैंने कई लड़कियों और महिलाओं को ईमेल भी भेजी मगर किसी का कोई जवाब नहीं आया।
एक बार ऐसे ही सर्च करते हुए मुझे पटियाला की एक लड़की का अकाउंट मिला जिसमें उसने अपना इमेल पता दे रखा था। मैंने तुरंत उस इमेल पर मेल भेजी और उसके जवाब का इंतज़ार करने लग पड़ा।
अगले दिन उसका जवाब आया जिसमें उसने लिखा था कि वो मेरी मित्र बनना चाहती है। और फिर उसने मुझसे मेरे बारे में काफी कुछ पूछा। मैंने उसे अपने बारे में सब कुछ बता दिया कि जैसे मैं क्या करता हूँ, कहाँ का रहने वाला हूँ और उसे मैंने अपनी एक फोटो भी भेज दी।
अगले दिन उसका जवाब आया जिसमें उसने अपना नाम सिमरन बताया, साथ ही उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर भी दिया और उसे फोन करने को कहा।
मैंने रात दस बजे उसे फोन किया।
और दोस्तो, जैसे ही मैंने उसकी आवाज़ सुनी तो मज़ा आ गया। इतनी मीठी आवाज़ थी उसकी !
साथ मैं आपको यह भी बता दूँ कि वो दिखने में भी बहुत सुन्दर थी। खैर हम दोनों ने आपस में पंद्रह-बीस मिनट बात की। उसने बताया कि वह पटियाला के किसी सरकारी ऑफिस में नौकरी करती थी। उसकी उम्र उनतीस साल थी और वो एक तलाकशुदा थी।अगले दिन उसने मुझे फोन किया और अगले रविवार को मिलने के लिए कहा।
मैं मान गया और बेसब्री से रविवार का इन्तज़ार करने लगा। शनिवार को उसने मुझे फोन करके मिलने की जगह बताई जो एक रेस्तराँ था और अगले दिन मिलने के लिए ग्यारह बजे का समय दिया।
मैं अगले दिन दस बज कर तीस मिनट के लगभग उसके बताए रेस्तरां में पहुँच गया और इन्तज़ार करने लगा। लगभग ग्यारह बजे मेरे मोबाइल पर उसकी कॉल आई और उसने मुझसे पूछा कि मैं कहाँ हूँ और कहाँ बैठा हूँ।
मैंने उसे बताया। तभी मेरा ध्यान खिड़की के शीशे से बाहर गया और मैंने एक सिल्वर रंग की इंडिका कार रूकती देखी। एक मिनट बाद उसमें से एक बहुत ही सुंदर महिला निकली जिसने हल्के लाल रंग का पटियाला सूट पहना था। उसके बाल उसकी कमर के नीचे तक पहुँच रहे थे और उसने वो खुले छोड़े हुए थे। उसका बदन की आकृति भी बहुत मस्त थी लगभग 36-26-34 का होगा। उसके मम्मे बहुत ही प्यारे लग रहे थी।
मुझे लगा यह वही है ! फोटो में वो इतनी सुंदर नहीं लगती थी जितनी सुंदर सामने से लग रही थी।
अंदर आते ही वो मेरी तरफ आई और मुस्कुरा कर मुझसे पूछा- एक्सक्यूज़ मी ! क्या आप ही सूरज हैं?
मैंने कहा- हाँ मैं ही हूँ !
मेरा जवाब सुनकर वो पुनः मुस्कुरा दी और हाथ मिलाने के लिए मेरी तरफ बढ़ा दिया। मैंने भी उससे हाथ मिलाया। वो सच में बहुत सुंदर लड़की थी। आप सुब जानते ही होंगे की भारत में सुबसे सुंदर लड़कियाँ पंजाब की होती हैं और पटियाला, अमृतसर की लड़कियों के तो क्या कहने।
अगर आपको मेरी बात पर यकीन न हो तो खुद पंजाब आकर देख लें।
खैर, अब आगे की कहानी पेश करता हूँ।
हाथ मिलाने के बाद वो मेरे बिल्कुल सामने की कुर्सी पर बैठ गई, हमने कॉफी आर्डर की और हमने बातें शुरू कर दी। बातों बातों में उसने मुझे बताया कि उसकी एक साल पहले ही शादी हुई थी और उसका पति इंग्लैंड में काम करता था। उसकी शादी उसके माता-पिता ने की थी और शादी के चार दिन बाद ही उसके पति को वापिस जाना पड़ गया था। मगर शादी के कुछ दिन बाद पता चला कि उसके पति ने इंग्लैंड में एक और शादी की हुई है। जब यह बात यहाँ पता चली तो उसने और उसके घर वालों ने तलाक लेने फैसला किया और शादी के एक साल बाद उसने अपने पति से तलाक ले लिया।
और तब से वो अपने घर में अकेले रहती है। उसके माँ बाप अपने पुराने घर में रहते थे जो शहर से दूर एक गाँव में था और उनकी काफ़ी खेतीबाड़ी है। वो शहर में नौकरी करती थी इसलिए वो यहाँ रहती थी और नौकरी सिर्फ अपने समय बिताने के लिए करती थी। महीने में एक बार अपने माँ बाप के पास जाती थी, ऐसा उसने मुझे बताया।
हमने वहाँ लंच किया और फिर उस दिन की मुलकात खत्म करके वापिस आ गए।
अगला पूरा हफ्ता हम फोन पर रोज बात करते रहे और बातों-बातों में उसने मुझे बता दिया कि उसे सेक्स की कितनी भूख है और उसके लिए कितना तड़प रही है...
उसने एक दिन मुझे बताया कि वो अपने ऑफिस से चार दिन की छुट्टी ले रही है, दो दिन वो अपने माँ बाप से मिलने जा रही है और दो दिन वो मेरे साथ अपने घर में बिताना चाहती है।
मैं तैयार हो गया और मुझे लगा कि अब मेरी सेक्स की भूख शांत होने वाली ही है।
वो बुधवार को छुट्टी लेकर अपने माँ बाप से मिलने चली गई और शुक्रवार शाम को उसने मुझे कॉल की- मैं वापिस आ गई हूँ और मैं शाम को आपको लेने आऊँगी।
मैंने हाँ कर दी।
दोस्तो, आपको मैं बता दूँ कि यूनिवर्सिटी में शनिवार को छुट्टी होती थी।
खैर शाम को करीब सात बजे उसने मुझे फोन किया- मैं यूनिवर्सिटी के बाहर आ गई हूँ और आपका इन्तजार कर रही हूँ।
मैं भी जल्दी से तैयार होकर यूनिवर्सिटी के बाहर पहुँचा। पिछले दिन मैंने उसके लिए चॉकलेट का गिफ्ट पैक खरीद लिया था और साथ में कन्डोम के दो पैकेट भी।
बाहर आकर मैं उसकी कार की तरफ गया और दरवाज़ा खोलकर अंदर सीट पर बैठ गया, उससे हाथ मिलाया, उसका हालचाल पूछा और उसे गिफ्ट दिया जिससे वो बहुत खुश हुई।
अब हम उसके घर की तरफ चल पड़े। करीब तीस मिनट के बाद हम उसे घर पहुँच गए। उसने मुझे कहा कि मैं जल्दी से घर खोलती हूँ, आप जल्दी से घर में चले जाना ताकि कोई आपको देख न ले। मैं उसकी बात समझ गया और वैसा ही किया जैसे उसने बताया था।
वो अपनी कार गैराज में पार्क करने चली गई और पांच मिनट बाद वो भी अंदर आ गई। अंदर आते ही वो मुझसे लिपट गई और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। मैं भी उसे चूमने लगा, उसके होंठ चूसने लगा और वो भी पूरी तरह से चुम्बन में मगन रही।
करीब दस मिनट तक हम चुम्बन करते रहे और फिर अलग हो गए। उसके बाद वो कॉफ़ी बनाने रसोई में चली गई और मैं उसका घर देखने लगा पड़ा। पाँच दस मिनट तक वो कॉफ़ी बनाकर ले आई आर साथ में नूडल्स भी।
हमने साथ बैठ कर काफी पी, नूडल्स खाए और फिर बातें करने लग पड़े। थोड़ी देर बाद उसने बाहर से खाना आर्डर कर दिया और वो मेरे साथ आकर बैठ गई।
उसने टीवी चला लिया, चैनल बदलते बदलते जैसे ही उसने स्टार मूवीज़ चैनल लगाया, तो उसमे देखा कि हीरो और हिरोइन एक दूसरे को चूम रहे थे और सेक्स कर रहे थे।
उसने यह सब देखा और फिर मेरी तरफ ! और मुझसे कहा- सूरज, मैं बहुत प्यासी हूँ। प्लीज़ मेरी प्यास बुझा दो। बहुत तड़प रहीं हूँ।
मैंने उसे गले लगा लिया और कहा- मैं भी कब से प्यासा बैठा हुआ हूँ, तुम चिंता मत करो।
उसने मुझे यह भी बताया कि शादी के बाद उसके साथ केवल मुखमैथुन ही किया था और दो दिन बाद उसके पति को वापिस जाना पड़ गया था। इसका मतलब था की वो अभी तक बिलकुल नया माल थी और चुदी नहीं थी।
यह सुनते ही मैं बहुत खुश हो गया और भगवान को शुक्रिया करने लगा कि देर से ही सही, मगर जब दिया तो एकदम रापचिक माल दिया।
एक तो वो वैसे ही बहुत सुंदर थी और दूसरी तरफ अभी तक बिल्कुल कुंवारी थी, मैंने ही उसकी सील तोड़नी थी। मैं बहुत खुश हो गया।
इतनी में दरवाज़े पर किसी ने घण्टी बजाई, सिमरन ने देखा कि रेस्टोरेंट से लड़का खाना आया था।
हमने साथ बैठ कर खाना खाया और फिर वो मुझे लेकर बेडरूम में आ गई, मुझे कहा- आप थोड़ी देर बैठो, मैं ज़रा आती हूँ।
इतना कहकर वो चली गई और मैं वही बिस्तर पर लेट गया।
दस-पंद्रह मिनट बाद जब वो वापिस आई तो मैं उसे बस देखता रह गया। वो गुलाबी रंग की पारदर्शी नाईटी में मेरे सामने खड़ी थी जिसमें से उसके काले रंग की ब्रा और पैंटी बिल्कुल साफ़ नज़र आ रही थी। उसके मम्मे उसकी ब्रा फाड़ कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। उसके शरीर दूध से भी ज्यादा गोरा था और उस पर कोई बाल नहीं था और गुलाबी रंग की नाईटी में वो बहुत मदहोश कर देने वाला लग रहा था।
उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। वो मेरे सामने आई और अपने बाल सुखाने लग पड़ी शीशे के सामने खड़े होकर। मगर दोस्तों मुझसे सब्र नहीं रहा और मैं जल्दी से बिस्तर से कूद कर उसके पीछे पहुँच गया और उसे पीछे से पकड़ कर गर्दन पर चुम्बन करने लग पड़ा, मेरे हाथ उसके मम्मे सहलाने लग पड़े।
उसने थोड़ी सी आह उह ! की।
उसके बाद वो मेरी तरफ मुड़ी, अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिए और बहुत ही उत्तेजना से चूमने लग पड़ी। मेरे हाथ अब उसके मम्मों पर थे और उन्हें दबा रहे थे।
उसने अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया था और वो उसे सहला रही थी।
हम ऐसे ही चुम्बन करते करते बिस्तर पर आ गए और वही करते रहे। वो मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उसके ! और बीच बीच में एक दूसरे के मुँह में अपनी जीभ भी डाल रहे थे।
करीब पन्द्रह बीस मिनट के बाद अलग हुए। अलग होकर वो मुझसे लिपट गई दोबारा और कहने लगी- आज मेरी प्यास जरूर बुझा देना। बहुत प्यासी हूँ मैं ! सोचा था कि शादी के बाद प्यास बुझ जायेगी मगर वो भी ना हुआ। आज तुम इसकी प्यास जरूर बुझा देना। तुम जो मांगोगे, मैं तुम्हें दूंगी।
ऐसा कह कर वो और जोर से मुझसे लिपट गई और मेरी गर्दन और सीने पर चुम्बन करने लग पड़ी मगर उसका हाथ अब भी मेरे हथियार को सहला रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरा लंड पतलून फाड़ कर बाहर आ जायेगा।
अब मैंने उसे खुद से अलग किया और उसकी ब्रा उतार दी। ब्रा उतरते ही दो नर्म-नर्म गोरे-गोरे संतरे मेरे सामने आ गए।
दोस्तो मैं तो बस देखता ही रह गया। क्या मम्मे थे उसके !
मैंने एकएम से उसके दोनों संतरे पकड़ लिए और जोर जोर से मसलने लगा और वो धीरे आह आह करने लगी।
तभी मुझे एक विचार आया और मैंने उसे पूछा- क्या घर में शहद है?
वो शहद लाई तो मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी पैंटी भी उतार दी।
दोस्तो, पैंटी उतरते ही जो नजारा मेरे सामने आया मैं उसका बता नहीं सकता। उसकी फुद्दी पर कोई भी बाल नहीं था, उसकी फुद्दी भी बहुत गोरी थी। मुझे ही पता है कि मैंने कैसे खुद पर काबू रखा।
तब वो बिस्तर पर लेट गई और मैं शहद उसकी पूरे शरीर पर लगाने लगा और मालिश करने लग पड़ा। इससे उसे बहुत ही मज़ा आ रहा था। जब कभी मेरा हाथ उसकी फुद्दी पर छू जाता, वो सिसक जाती थी।
थोड़ी देर मालिश करने के बाद मैं उसको दोबारा चूमने लग पड़ा, मेरे हाथ उसके मम्मे दबा रहे थे जिससे उसे मज़ा आ रहा था और वो और जोर से दबाने को कहने लगी थी। चुम्बन करते करते मैं उसके मम्मों तक पहुँचा और उसके एक मम्मे को चूसने लग पड़ा, हाथ से उसका दूसरा मम्मा दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी फुद्दी सहलाने लगा।
उसने भी अब अपना हाथ मेरी पैंट में डाल दिया था और अंदर ही अंदर लंड को दबा रही थी। बारी बारी से मैंने उसके दोनों मम्मे चूसे। शहद की वजह से मीठा मीठा स्वाद आ रहा था जिससे मुझे बहुत मज़ा आया।
चूसते चूसते मैं बीच बीच में उसे ह्ल्के से काट लेता था जिससे वो हल्की से सिसकारी भर उठती थी। अब मैं उसे चूमता हुआ और जीभ घुमाता हुआ उसके पेट तक पहुँचा और जीभ घुमाने लगा जिससे उसे गुदगुदी हो रही थी। लेकिन जैसे ही मैं उसकी फुद्दी की तरफ जाने लगा तो उसने मुझे रोक दिया और एकदम मेरी पतलून उतार दी, मेरा लंड अंडरवियर से बाहर निकाल लिया और जल्दी से मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया और साथ में चमड़ी को ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया।
मैं बता नहीं सकता कि कितना मज़ा आ रहा था, मगर वो बहुत तेज तेज चूस रही थी और मेरा पहली बार होने की वजह से मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था तो मैंने उसे धीरे चूसने को कहा और वो मान गई।
करीब दस मिनट की चुसाई के बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ और मैंने उसे बताया।
मगर वो थी कि लंड छोड़ने को तैयार ही नहीं थी, बस चूसे जा रही थी। फिर एकदम मैं उसके मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा माल निगल गई और चूस चूस कर मेरा लंड साफ़ कर दिया।
लंड चुसाई के वक्त मैं उसके मम्मों से खेल रहा था। अब मैंने उसे फिर से लेटा दिया और खुद उसकी टांगों के बीच में पहुँच गया और चूमने लगा और चूमता हुआ उसकी फुद्दी तक पहुँच गया।
जैसे कि मैंने बताया कि उसकी फुद्दी और आसपास कोई बाल नहीं थे और उसकी फुद्दी बहुत ही गोरी थी। दिल कर रहा था कि अभी खा जाऊँ।
मैंने उसकी टांगें फैला दी और उसकी फुद्दी पर पहुँच गया। उसकी फुद्दी की बहुत ही मादकता भरी खुशबू थी। मैंने अपने दोनों हाथों से उसकी फुद्दी की दोनों फ़ांकों को अलग किया जिससे मुझे उसका छेद और लाल रंग का दाना दिख गया और अब मैंने बिना समय खोए अपनी जीभ उसकी फुद्दी में डाल दी और चाटना शुरू कर दिया।
मेरे ऐसे करते ही वो मचल उठी और सी...... सी... उऊम उऊम की आवाजें निकलने लग पड़ी।
मैं एक हाथ से उसकी फुदी का दाना भी रगड़ रहा था, वो मेरे सिर के बालों में हाथ फेर रही थी और बीच बीच में कह रही थी- और जोर से करो, आःह्ह अआह ! प्लीज़ और जोर से ! छोड़ना मत... और जोर से करो !
और मेरा सिर दबाए जा रही थी, अपनी कमर उठा रही थी...
थोड़ी देर ऐसे चाटने के बाद मैं रुका और अब मैंने अपनी ऊँगली में थूक लगा कर उसकी फ़ुद्दी में डाल कर अंदर-बाहर करने लगा और जीभ से उसके दाने की जोर जोर से चाटने लगा।मेरे ऐसा करते ही वो जैसे पागल ही हो गई और और जोर से अआआह्हह्हहह्ह, आह्हाआआअह्ह्ह्ह। आआआह्ह्ह्ह्ह्ह...। करने लग पड़ी और उसकी आवाज़ कांपने लगी।
करीब पाँच मिनट ऐसा करने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसकी फुद्दी ने बहुत तेज़ी से पानी छोड़ दिया। मैं अभी भी उसकी फुद्दी चाट रहा था। जैसा कि मैंने बताया कि मैंने उसके पूरे शरीर पर शहद से मालिश की थी, उसकी फुद्दी का रस और शहद आपस में मिलकर एक अजीब सा स्वाद पैदा कर रहे थे मगर मैं भी सारा का सारा मीठा रस चाट गया।
अब मैं और वो एक दूसरे की बाहों में लेट गए और वो मुझे बहुत जोर से अपने गले लगा कर चूमने लग पड़ी।
दोस्तों इस पूरे काम में हमें करीब दो घंटे लग गए थे और यह सब करने के बाद हम वैसे ही लेटे रहे और पता नहीं कब हमारी आँख लग गई।
जब हमारी आँख लगी तब रात के लगभग बारह बज रहे थे। रात को जब मेरी आँख खुली तो मैंने महसूस किया कि सिमरन मेरा लंड फिर से चूस रही थी और मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था, बिल्कुल तन गया था।
सिमरन पागलों की तरह उसे चूसे जा रही थी और एक हाथ से अपनी फुदी रगड़ रही थी। थोड़ी देर चूस कर वो बोली- अब रहा नहीं जाता ! प्लीज़ अब मेरी प्यास बुझा दो। अब नहीं रहा जाता, प्लीईइज़।
मैंने भी कहा- ठीक है !
तब उसे बेड पर लिटा दिया और उसकी टाँगें फैला दी। मैंने उसकी फुद्दी की फांकों को अलग करके देखा तो उसकी फुद्दी पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने अपना लंड उसकी फुद्दी के छेद पर टिका दिया और दबाव डालने लगा। मैंने अब पहला झटका दिया तो मेरा लण्ड फिसल गया। उसकी फुद्दी सच में बहुत तंग थी, बिल्कुल कुंवारी चूत थी उसकी। मैं मन में बहुत खुश था कि पहली बार में बिल्कुल कुंवारी फुदी का मज़ा चखने को मिला है।
मैंने फिर से अपना लंड उसके छेद पर टिकाया और फिर से झटका दिया। इस बार सुपारा अंदर चला गया और सिमरन दर्द के मारे चीख पड़ी। मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और और एक और झटका दिया। फुद्दी बहुत ही कसी होने से इस बार लंड आधा ही उसकी फुदी में गया और मैंने देखा कि सिमरन की आंखों में आंसू आ चुके थे।
मैंने जैसे ही उसके मुँह हाथ हटाया तो वो बुरी तरह चीखी और कहने लगी- प्लीज़ निकालो इसे बाहर। मैं मर जाउंगी। बहुत दर्द हो रहा है। प्ल्ज्ज़ निकालो इसे बाहर......प्लीज़।
वो अभी इतना कह ही रही थी कि मैंने उसे होठों पर अपने होंठ कस दिए और तीसरा झटका दिया और लण्ड उसकी फुद्दी की गहराइयों में पूरी तरह से उतर गया।
अब उसकी आंखें बुरी तरह से खुल गई और वो मुझे हटाने लगी। पर मेरे होंठ उसके होठों पर कसे हुए थे और मैंने उसे पकड़ा हुआ था। मेरा लंड उसकी फ़ुद्दी में ही था और वो अपने मुँह से बुरी तरह हून्हुहूँ ... म्म्म्म्म्म आआआआ कर रही थी और रो रही थी।
करीब दो मिनट बाद मैंने अपनी पकड़ ढीली की तो वो बोली- प्लीज़ निकाल लो बाहर।
मैंने अब उसकी बात मान ली और उसके ऊपर से हट गया।
जैसे ही मैं हटा, मैंने देखा कि उसकी फुद्दी से बहुत खून निकल रहा था और बेडशीट पूरी लाल हो चुकी थी। उसकी झिल्ली फट चुकी थी और अब वो कुँवारी नहीं रही थी। मैंने उसका कुंवारापन खत्म कर दिया था और मैं इस बात पर बहुत फख्र महसूस कर रहा था। उसे अभी भी दर्द हो रहा था। मैंने उसे कहा कि बाकी सब कल करेंगे मगर उसने कल की बजाए तभी करने को ही कहा।
उसे थोड़ा दर्द हो रहा था मगर फिर भी वो काम पूरा करना चाहती थी।
पहली बार करने की वजह से लंड की चमड़ी छिल गई थी और मुझे भी दर्द हो रहा था और मैं हैरान था कि लड़कियों को चुदाई का कितना शौक होता है कि इतने दर्द के बाद भी तैयार हो गई है चुदवाने के लिए।
मैं भी अब तैयार था। उसने मेरा लंड दोबारा चाट कर खड़ा किया और उस पर कन्डोम चढ़ा दिया। मैंने उसकी टाँगें दोबारा फैला दी, लंड उसकी फुद्दी के छेद पर रख दिया और दबाव डालने लगा।
इस बार लंड आराम से उसकी फुद्दी में चला गया और सिमरन को भी ज्यादा तकलीफ नहीं हुई।
जैसे जैसे लंड अंदर जाता था वो आह्ह्ह्ह्ह.. स्स्सीईई की हल्के से आवाज़ निकाल रही थी और धीरे-धीरे मेरा लंड उसकी फुद्दी में पूरी तरह उतर चुका था। अब मैंने धीरे धीरे उसे झटके देना शुरू किये। और वो अपने मुँह से उम्म्म आःह्ह स्सीईई उम्म्माम्म्मुम्म्म की आवाजें निकाल रही थी। धीरे मैं अपने झटके मारने की रफ़्तार बढ़ा दी।अब उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी कमर हिला हिला कर मेरा साथ देने लगी और बोले जा रही थी- और जोर से करो... फाड़ दो... निकल दो पूरी गर्मी मेरी चूत की। बहुत तड़पाती है ये...।
और पता नही न क्या क्या बोली जा रही थी।
मैं उसकी हर बात अनसुना करके बस उसे झटके पर झटके दिए जा रहा था। करीब पन्द्रह मिनट के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा और उसने और जोर से मेरे इर्दगिर्द टांगें कस ली और मुझे पता चल गया कि वो झड़ने वाली है।
मैंने अपनी झटके मारने की रफ़्तार और बढ़ा दी और जोर जोर से झटके मारने लगा। करीब एक मिनट में उसने जोर से चीख मारी और वो झड़ गई। मगर मैं अभी तक नहीं झड़ा था तो मैंने झटके मारने जारी रखे और सारा बेडरूम हमारी चुदाई की आवाज़ से गूँज रहा था... पच्च्च्च्च् च्च्च्च्छ् च्च्छ्ह्ह ह्ह्ह्ह्ह ह्ह्च्च्छ्ह पच पच की आवाजें गूंज रही थी।
करीब 5-6 मिनट के बाद मैं भी उसकी फुद्दी में झड़ गया। मैंने उसे चूमा किया और उससे अलग हो गया।
मैंने लंड पर से कन्डोम उतार दिया और उसने फिर से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और चाट कर पूरी तरह से साफ़ कर दिया। तब वो और मैं आपस में लिपट के सो गए।
सुबह करीब दस बजे मेरी आँख खुली।
यह थी मेरी कहानी कि किस तरह मैंने पटियाला के कुँवारे पटोले को चोद कर उसकी और अपनी प्यास शांत की। मैं उसके साथ दो दिन रहा और उसने दो दिन में करीब दस या बारह बार चुदाई के मजे लिए।
रविवार की शाम को मुझे यूनिवर्सिटी वापिस आना था। चुदाई की वजह से उससे चला नहीं जा रहा था मगर वो फिर भी मुझे यूनिवर्सिटी तक छोड़ने आई और साथ में उसने मुझे दो गिफ्ट पैकेट भी दिए।
मैं उसे मना करता रहा मगर उसने कहा कि तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया और उसके लिए मैं खुशी से तुम्हें कुछ दे रही हूँ। और आगे जब भी मुझे जरूरत होगी, मैं तुम्हें बुला लूंगी। तुम मुझे भूलना मत।
ऐसा कहकर वो वापिस चली गई और मैं भी अपने हॉस्टल आ गया।
जब मैंने गिफ्ट खोला तो उसमें से नोकिया एन-73 निकला और जब मैंने दूसरा पैक खोला तो उसमें 3 हजार निकले।
मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और क्यूंकि भगवान ने तो छप्पड़ फाड़ कर दिया था। पटियाला का सुंदर पटोला, उसकी कुंवारी चूत और ये तोहफ़े।दोस्तो मैं एक साल पटियाला रहा और हर महीने दो बार वो मुझसे जरूर चुदवाती थी। उसने मुझे अपनी और सहेलियों के नंबर भी दिए। उनको भी मैंने खुल के चोदा। लेकिन मैं इस लड़की और उसकी पहली चुदाई को नहीं भूला।
फिर मैं पटियाला से वापिस अपने गाँव आ गया मगर उसके फोन मुझे आते रहे।
एक दो बार मैं जालंधर से भी मिलने गया और एक दिन उसने बताया कि उसके घर वालों ने उसका दोबारा रिश्ता किया है और इस बार वो लड़का उनकी रिश्तेदारों में से है जो ऑस्ट्रेलिया में है।
उसके बाद मैं एक बार फिर उससे मिला और उसकी खूब चुदाई की। इस बार आते समय उसने मुझे फिर एक तोहफ़ा दिया जिसमें दस हजार रूपये थे। उसके अगले महीने उसकी शादी हो गई और वो ऑस्ट्रेलिया चली गई। वो आज भी मुझे मेल करती है। तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली कहानी। मुझे मेल जरूर करें और बताएं कि मेरी सच्ची कहानी कैसे लगी...।
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